Panchang Today: October 14, 2024

आज पंचांग 14 अक्टूबर, 2024

Panchang, जो एक प्राचीन हिंदू कैलेंडर है, हिंदू संस्कृति में अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। संस्कृत के शब्द “पंच” जिसका अर्थ है “पाँच” और “अंग” जिसका अर्थ है “भाग,” से उत्पन्न, पंचांग एक पारंपरिक हिंदू कैलेंडर के पाँच घटकों का उल्लेख करता है: तिथि (चंद्र दिवस), वार (सप्ताह का दिन), नक्षत्र (तारा), योग और करण। यह एक व्यापक मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है, जो विभिन्न गतिविधियों के लिए शुभ और अशुभ समय के बारे में जानकारी प्रदान करता है, और जीवन को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ संरेखित करने में सहायता करता है।

Panchang Today

आज का हिंदू पंचांग

Click here for English

आज पंचांग 14 अक्टूबर, 2024




शुभ सोमवार – – शुभ प्रभात्

74-30 मध्यमान 75-30

दैनिक पंचांग विवरण

आज दिनांक……………….. .14.10.2024

कलियुग संवत्…………………………5126

विक्रम संवत्………………………….. 2081

शक संवत्……………………………..1946

संवत्सर………………………….श्री कालयुक्त

अयन………………………………दक्षिणायन

गोल…………………………………… दक्षिण

ऋतु………………………………………शरद्

मास………………………………….. आश्विन

पक्ष…………………………………….. शुक्ल

तिथि….एकादशी. प्रातः 6.41 तक/12 (क्षय)

वार………………………………….. सोमवार

नक्षत्र..शतभिषा. रात्रि.12.43* तक / पू.भाद्र

चंद्रराशि……………… कुंभ. संपूर्ण (अहोरात्र)

योग…………….गंड. सायं. 6.00 तक / वृद्धि

करण……………विष्टि(भद्रा) प्रातः 6.41 तक

करण…………………..बव. सायं. 5.51 तक

करण…….बालव. रात्रि. 3.42* तक / कौलव

_________________________________

नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो

वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है

_________________________________

विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट

दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट

जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट

कोटा – 5 मिनट————-मुंबई +7 मिनट

लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट

कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिनट

_______________________________

सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची

________________________________

सूर्योदय…………………. प्रातः 6.30.38 पर

सूर्यास्त…………………. सायं. 6.03.42 पर

दिनमान-घं.मि.सै…………………11.33.03

रात्रिमान-घं.मि.सै……………….. 12.27.25

चंद्रोदय………………….. 4.03.31 PM पर

चंद्रास्त…………………… 3.54.01 AM पर

राहुकाल…..प्रातः 7.57 से 9.24 तक(अशुभ)

यमघंट…पूर्वा.10.51 से 12.17 तक (अशुभ)

गुलिक……………अपरा. 1.44 से 3.10 तक

अभिजित…….. मध्या.11.54 से 12.40 तक

पंचक…………………………………. जारी है

हवन मुहूर्त(अग्निवास)…………. आज नहीं है

दिशाशूल……………………………. पूर्व दिशा

दोष परिहार……. .दूध का सेवन कर यात्रा करें

_________________________________

विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय

अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.

_________________________________

ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है..

_________________________________

प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है…

_________________________________

गौधूलिक काल सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं 12 मिनट बाद का समय कहलाता है

_________________________________

भद्रा वास शुभाशुभ विचार

_________________________________

भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें..

________________________________

दैनिक सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट

________________________________

ग्रह राशि अंश कला नक्षत्र चरण चरणाक्षर

_________________________________

लग्न …………….. कन्या 26°40′ चित्रा 1 पे

सूर्य ……………… कन्या 26°59′ चित्रा 2 पो

चन्द्र …………… कुम्भ 8°53′ शतभिषा 1 गो

बुध ^ ……………….. तुला 6°12′ चित्रा 4 री

शुक्र …………. वृश्चिक 1°15′ विशाखा 4 तो

मंगल …………….मिथुन 27°9′ पुनर्वसु 3 हा

बृहस्पति …….. वृषभ 27°4′ मृगशीर्षा 2 वो

शनि * ……….. कुम्भ 19°28′ शतभिषा 4 सू

राहू * ……… मीन 11°33′ उत्तरभाद्रपद 3 झ

केतु * ………………कन्या 11°33′ हस्त 1 पू

_________________________________

दिन का चौघड़िया

अमृत…………….प्रातः 6.31 से 7.57 तक

शुभ…………….प्रातः 9.24 से 10.51 तक

चंचल…………..अपरा. 1.44 से 3.10 तक

लाभ……………अपरा. 3.10 से 4.37 तक

अमृत…………….सायं. 4.37 से 6.04 तक

_________________________________

रात्रि का चौघड़िया

चंचल……… सायं-रात्रि. 6.04 से 7.37 तक

लाभ…….रात्रि. 10.44 से 12.17 AM तक

शुभ…..रात्रि. 1.51 AM से 3.24 AM तक

अमृत….रात्रि. 3.24 AM से 4.58 AM तक

चंचल….रात्रि. 4.58 AM से 6.31 AM तक

_________________________________

(विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )

_________________________________

शुभ शिववास की तिथियां

शुक्ल पक्ष-2—–5—–6—- 9——-12—-13.

कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—-12—-30.

_________________________________

दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण

संदर्भ विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये..

आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर..

08.21 AM तक—-शतभिषा—-1——गो

01.50 PM तक—-शतभिषा—-2——सा

07.17 PM तक—-शतभिषा—-3——सी

12.43 AM तक—-शतभिषा—-4——-सु

राशि कुंभ – पाया ताम्र

06.05 AM तक—-पूर्वाभाद्र—–1——-से

उपरांत रात्रि तक—-पूर्वाभाद्र—–2——सो

राशि कुंभ – पाया लौह

________________________________

आज का दिन

व्रत विशेष..पापांकुशा एकादशी(वैष्णव-निंबा)

अन्य व्रत………………………………. नहीं है

दिन विशेष……………………………. नहीं है

पर्व विशेष………………………………नहीं है

समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी

दिवस विशेष……………. विश्व मानक दिवस

दिवस विशेष………. विश्व प्रवासी पक्षी दिवस

पंचक…………………………………. जारी है

विष्टि(भद्रा)……………………………..नहीं है

हवन मुहूर्त……………………… आज नहीं है

खगोलीय.. अनुराधायां शुक्र रात्रि 12.05* पर

सर्वा.सि.योग…… रात्रि. 10.09 से रात्रि पर्यंत

अमृत सि.योग………………………… नहीं है

सिद्ध रवियोग………………………….. नहीं है

________________________________

अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी

दिनांक……………………….. 15.10.2024

तिथि……. आश्विन शुक्ला त्रयोदशी मंगलवार

व्रत विशेष………………………… भौम प्रदोष

अन्य व्रत………………………………. नहीं है

दिन विशेष……………………………. नहीं है

पर्व विशेष……………………………… नहीं है

समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी

दिवस विशेष……. विश्व ग्रामीण महिला दिवस

दिवस विशेष……………….. विश्व छात्र दिवस

पंचक…………………………………. जारी है

विष्टि(भद्रा)……………………… आज नहीं है

हवन मुहूर्त……………………… आज नहीं है

खगोलीय……. स्वात्यां बुध. अपरा. 1.56 पर

सर्वा.सि.योग………………………….. नहीं है

अमृत सि.योग………………………… नहीं है

सिद्ध रवियोग…………………………. .नहीं है


आज विशेष

Panchang Today: October 14, 2024


धर्म और ज्योतिष अनुसार कब कटवायें बाल..

हमें यह जानकारी होना चाहिए कि हमें अपने कब कटवाने चाहिए और कब नहीं..

क्या कहता है इस विषय में वैदिक साइन्स विज्ञान.

हमारे यहां रोजमर्रा के कार्यो से जुड़ी भी अनेक परंपराएं हैं। जैसे स्नान के बाद ही पूजा करना, खाने के पहले नहाना, एकादशी को चावल नहीं खाना, मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को बाल नहीं कटवाना आदि ऐसी ही एक बहुत महत्वपूर्ण और अनिवार्य परंपराओं व नियमों में बाल कटवाने के विषय में भी स्पष्ट संकेत प्राप्त होते हैं…आइये जानें.।*

क्या विज्ञान है बाल कटवाने के खास दिनों के पीछे

आज भी हम घर के बड़े और बुजुर्गों को यह कहते हुए सुनते हैं कि, शनिवार, मंगलवार और गुरुवार के दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए। पर आखिर ऐसा क्यों? जब हम अंतरिक्ष विज्ञान और ज्योतिष की प्राचीन और प्रामाणिक पुस्तकों का अध्ययन करें तो इन प्रश्रों का बड़ा ही स्पष्ट वैज्ञानिक समाधान प्राप्त होता है।

विज्ञान के अनुसार सप्ताह में कुछ ऐसे दिन बताए गए हैं जब ग्रहों से ऐसी किरणें निकलती है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। शनिवार, मंगलवार और गुरुवार को निकलने वाली इन किरणों का सीधा प्रभाव हमारे सिर पर पड़ता है। हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण भाग मस्तिष्क ही है, सिर का मध्य भाग अति संवेदनशील और बहुत ही कोमल होता है। जिसकी सुरक्षा बालों से होती है। इसी वजह से इन दिनों में बालों को नहीं कटवाना चाहिए।

मंगलवार को बाल कटाने से आयु कम होने का खतरा

शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि मंगलवार को बाल कटाने से हमारी आयु आठ माह कम हो जाती है। गुरुवार देवी लक्ष्मी का दिन माना जाता है अत: इस दिन बाल कटवाने से धन की कमी होने की संभावनाएं रहती हैं। शनिवार को बाल कटवाने से आयु में सात माह की कमी हो जाती है।

ज्योतिष के अनुसार मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का दिन होता है। शरीर में मंगल का निवास हमारे रक्त में रहता है और रक्त से बालों की उत्पत्ति होती है। इसी तरह शनिवार शनि ग्रह का दिन हैं और शनि का संबंध हमारी त्वचा से होता है। अत: मंगलवार और शनिवार को बाल कटवाने से मंगल तथा शनि ग्रह संबंधी अशुभ प्रभाव झेलने पड़ सकते हैं। इनसे बचने के लिए ही इन दिनों में बाल ना कटवाने की बात कही जाती है।

यह केवल अंधविश्वास या कोई विज्ञान…?

यद्यपि आजकल इन बातों को केवल अंधविश्वास ही माना जाता है लेकिन प्राचीन काल में ऋषि-मुनियों ने जो परंपराएं बनाई हैं इनका अवश्य ही हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।


Click here for English

Note:- For more such information join our WhatsApp channel or Telegram channel. Thank you

Astro Guru Ji

Mayank Agnihotri

दैनिक जीवन में पंचांग का महत्व

आधुनिक समय में भी पंचांग एक अमूल्य साधन बना हुआ है, जो लाखों लोगों को शादी, सगाई, यात्रा, व्यापारिक उद्यम और धार्मिक समारोहों जैसे महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मार्गदर्शन करता है। यह केवल एक कैलेंडर नहीं है, बल्कि यह ब्रह्मांडीय ज्ञान का भंडार है, जो विशेष ज्योतिषीय संयोजनों के दौरान की गई गतिविधियों के परिणामों को प्रभावित करने में सक्षम माना जाता है।

तिथि: चंद्र दिवस

तिथि चंद्रमा के चरण को दर्शाती है और अनुष्ठानों और समारोहों के लिए शुभ समय निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसमें 30 तिथियाँ होती हैं, जिनमें प्रत्येक तिथि सूर्य और चंद्रमा के बीच के विशिष्ट कोण का प्रतिनिधित्व करती है। प्रतिपदा (पहले दिन) से लेकर अमावस्या (नई चंद्र) और पूर्णिमा (पूर्ण चंद्र) तक, प्रत्येक तिथि का विशिष्ट महत्व होता है, जो मानव भावनाओं, क्रियाओं और आध्यात्मिक प्रयासों को प्रभावित करता है।

वार: सप्ताह का दिन

वार सप्ताह के दिनों को संदर्भित करता है, और प्रत्येक दिन एक देवता से जुड़ा होता है। विभिन्न सप्ताह के दिनों का विशिष्ट गतिविधियों पर प्रभाव को समझने से उत्पादकता और सफलता को अधिकतम करने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए, सोमवार, जिसे चंद्रमा का दिन माना जाता है, नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ होता है, जबकि शनिवार, जो शनि से शासित होता है, आध्यात्मिक अभ्यास और आत्म-निरीक्षण के लिए अनुकूल होता है।

नक्षत्र: चंद्र नक्षत्र

नक्षत्र 27 चंद्र नक्षत्रों को दर्शाता है जिनसे चंद्रमा अपने मासिक चक्र के दौरान गुजरता है। प्रत्येक नक्षत्र मानव गतिविधियों पर एक विशिष्ट प्रभाव डालता है, जैसे व्यक्तित्व गुण, करियर के चुनाव, और संबंधों की गतिशीलता। अनुकूल नक्षत्रों के साथ कार्यों को संरेखित करने से व्यक्ति की समृद्धि और भलाई को बढ़ावा मिल सकता है।

योग: संयोजन

योग सूर्य और चंद्रमा की स्थितियों द्वारा बनाए गए शुभ या अशुभ संयोजनों को दर्शाता है। 27 योग होते हैं, जिनमें से प्रत्येक के अनूठे गुण और प्रभाव होते हैं। शुभ योगों की ऊर्जा का उपयोग करके व्यक्ति अपने प्रयासों में सफलता और संतुष्टि प्राप्त कर सकता है।

करण: आधा चंद्र दिवस

करण तिथि का आधा हिस्सा होता है और कार्यों की शुरुआत को प्रभावित करता है। 11 करण होते हैं जिन्हें दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है – स्थिर और चल। कार्यों की शुरुआत के लिए एक उपयुक्त करण का चयन करना अनुकूल परिणाम सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण होता है।

Panchang Today: October 14, 2024

तिथि विश्लेषण

कृष्ण पक्ष द्वादशी: आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने और परोपकारी कार्यों में संलग्न होने के लिए आदर्श।

रोहिणी नक्षत्र: कलात्मक गतिविधियों, रचनात्मकता और संबंधों के पोषण के लिए अनुकूल।

वृद्धि योग: विकास-उन्मुख गतिविधियों और वित्तीय निवेशों के लिए उपयुक्त।

तैतिल करण: सहनशक्ति और धैर्य की आवश्यकता वाले कार्यों के लिए अनुकूल।

पंचांग की शक्ति का उपयोग

दैनिक जीवन में पंचांग के अंतर्दृष्टियों को शामिल करने से व्यक्ति को ब्रह्मांडीय लय के साथ सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलती है, जिससे वे ज्ञान और गरिमा के साथ चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। पंचांग द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन का उपयोग करके, व्यक्ति सभी प्रयासों में सफलता और संतुष्टि के अवसरों को अधिकतम कर सकता है।

निष्कर्ष

पंचांग अपने जटिल ज्ञान और ब्रह्मांडीय अंतर्दृष्टियों के साथ जीवन की यात्रा में मार्गदर्शन का दीपस्तंभ है। इसके शिक्षाओं को अपनाने से व्यक्ति समृद्धि के मार्ग पर आगे बढ़ता है, अपने कार्यों को ब्रह्मांडीय ऊर्जा के साथ संरेखित कर संपूर्ण कल्याण प्राप्त करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Hot Topics

Related Articles